5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
बृहस्पतिदेव की कथा
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही Shiv chaisa दुख प्रभु आप निवारा॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
वेद माहि महिमा तुम Shiv chaisa गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
लिङ्गाष्टकम्